Wednesday, March 2, 2011

हर जिले में डेरा डालो वोटरों पर घेरा डालो


अनूठा होगा अन्त्योदय मेला, शुरुआत रीवा से, हाजिर रहेगी समूची शिवराज सरकार
जयराम शुक्ल
रीवा। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार औ२र संगठन ने नए साल से एक रोचक कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है। सरकारी तौर पर इसे अन्त्योदय मेला का नाम दिया गया है, पर इसे आप हर जिले में डेरा डालो वोटरों पर घेरा डालो कार्यक्रम भी कह सकते हैं। पहली कड़ी में यह मेला तेरह जनवरी को रीवा में भरने जा रहा है। इस मेले में जिले भर के हितग्राहियों को जोडक़र उन्हें मौके पर ही सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इस कार्यक्रम की महत्ता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि मेले में मुख्यमंत्री समेत लगभग सभी मंत्री और मुख्य सचिव समेत सभी प्रमुख सचिव मौजूद रहेंगे। इधर इसी के समानांतर संगठन, लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों को पार्टी का सदस्य बनाने का अभियान चला रहा है।
अपने ढंग के इस अनूठे मेले की सफलता के लिए रीवा में पूरा जिला प्रशासन कमर कस कर भिड़ा हुआ है। मेले की कमान कमिश्रर डॉ. रवीन्द्र पस्तोर को सौंपी गई है। बताते हैं कि अन्तयोदय मेला डॉ. पस्तोर की ही दिमाग की उपज है, मौलिक रूप से पहले गरीब सम्मेलन की परि कल्पना की गई थी, पर जब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सामने आया तो इसका नाम बदलकर अन्त्योदय मेला हो गया और इसका दायरा बढ़ाकर प्रदेशव्यापी कर दिया गया। मेले में 22विभागों की 126योजनाओं के हितग्राहियों को न्योता गया है। इस मेले में विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए 70 हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं। मुख्यमंत्री इस मेले को मिल रहे रिस्पॉन्स से इतने उत्साहित हैं कि भोपाल में मंगलवार की कैबिनेट की बैठक में इसकी चर्चा खासतौर पर की। पहले चरण मे फिलहाल 31 मार्च तक हर संभाग के किसी एक जिले में अन्त्योदय मेला आयोजित करने की है।
संगठन का काम इसके बाद शुरू होता है। संगठन के लोगों का इसकी जिम्मेवारी सौपी गई है कि वे लाभान्वित होने वाले हर हितग्राही के पास पहुंचें व कोशिश करें कि वे पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर लें। प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने इस योजना का ब्लूप्रिंट तैयार करके अपने सभी जिला अध्यक्षों सहेज दिया है। सत्ता और संगठन के समन्वय से तैयार की गई रणनीति यदि पचास फीसदी भी सफल हो गई तो समझिए कोई दस लाख से ज्यादा सदस्य भाजपा की सूची मे और जुड़ जाएंगे। दिलचस्प बात यह कि जहां प्रदेश कांग्रेस में अध्यक्ष और विधायक दल में नेता प्रतिपक्ष को लेकर भडफ़ोर मची हुई है वहीं भाजपा चुपचाप कांग्रेस के प्रभाव वाले क्षेत्रों में अंगद की तरह अपने पैर जमाने की जुगत पर काम कर रही है वह भी गरीबों को ज्यादातर केंद्र व्दारा वित्तपोषित योजनाओं का लाभ देकर।
प्रकाशित-5जन2011

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